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Sunday 12 April 2020

चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस: आखिर क्या है सफलता का राज ?


जिस प्रकार स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लीगा में सिर्फ दो टीमों के चर्चे रहते हैं- एफसी बर्सिलोना और रियल मेड्रिड। उसी तरह आईपीएल में भी सिर्फ दो टीमों का ही बोलबाला रहता है। लालीगा में भी खेलती बहुत टीमें हैं पर जीतती यही दो टीमें हैं, वैसे ही आईपीएल में खेलती तो 8 टीमें हैं, पर जीतना सिर्फ इन्हीं 2 टीमों को होता है। जी, हां। हम बात कर रहे हैं चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस की। एक तरफ जहां मुंबई इंडियंस ने 4 बार आईपीएल खिताब जीता है, तो वहीं दूसरी ओर चेन्नई सुपर किंग्स ने तीन बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की है। यह दो टीमें उसी क्लास की दो लड़कियों की तरह हैं, जिस क्लास में पढ़ते तो बहुत सारे बच्चे हैं पर टॉप इन्हीं दो लड़कियों में से किसी एक को करना होता है। बाकी बच्चे  रिजल्ट वाले दिन सिर्फ देखने आते हैं कि उन दो लड़कियों में से फर्स्ट कौन आया। अब तो आईपीएल में तय लगने लगा है कि हर साल चेन्नई सुपर किंग्स फाइनल में पहुंचेगी और मुंबई इंडियंस हर दूसरे साल आईपीएल जीतेगी।
2013, 2015, 2017 का आईपीएल मुंबई इंडियंस के जीतने के बाद लोगों को लगा कि यह मात्र एक संजोग है पर 2019 आईपीएल जीतने के बाद मुंबई ने सबको दिखा दिया कि कोई संजोग नहीं, सच में इस टीम के अंदर बहुत काबिलियत है। तो वहीं दूसरी तरफ, जब चेन्नई सुपर किंग्स 2 साल के बैन के बाद वापस आई तो उसने 2018 के ऑक्शन में ऐसे खिलाड़ियों को लिया, जिसके बाद लोगों को लगा कि यह बुजुर्गों की सेना के साथ सीएसके कहां खेल पाएगी। इनकी टीम में खिलाड़ी कम और कोच ज्यादा हैं। उस ऑक्शन में सीएसके ने जिन खिलाड़ियों को खरीदा था, उनमें से अधिकतर की उम्र 30 वर्ष के पार थी। पर हुआ तो इससे बिलकुल उलटा। सीएसके 2018 का आईपीएल इसी बुजुर्गों की सेना के साथ जीत गई। सीएसके ने दिखा दिया कि अनुभव पैसे से खरीदा नहीं जा सकता। उस आईपीएल के बाद इस टीम के सारे आलोचकों के मुंह बंद हो गए।
अगर विशेषज्ञों की मानें तो चेन्नई सुपर किंग्स की सफलता का मुख्य कारण महेंद्र सिंह धोनी हैं। यही  इकलौती ऐसी टीम है जिसका सीजन 1 से एक ही कप्तान है। एमएस धोनी के शातिर दिमाग और अनुभव की वजह से सीएसके का प्रदर्शन इतना अच्छा होता है। एक बात जानकर आपको बड़ी हैरानी होगी कि सीएसके के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग, गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी और बल्लेबाजी कोच माइकल हसी। यह तीनों ही सीएसके के लिए खेल चुके हैं, वो भी महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी में। और आज उसी टीम की कोचिंग कर रहे हैं। मुंबई इंडियंस और  चेन्नई सुपर किंग्स की
 सफलता का मुख्य कारण इनका अपने खिलाड़ियों को बैक करना है। चेन्नई सुपर किंग्स में महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा, डी.जे ब्रावो, फाफ डु प्लेसिस,  कई साल से इस टीम के लिए खेल रहे हैं। यही कहानी 
 एमआई की भी है। रोहित शर्मा,  हार्दिक पंड्या, लसिथ मलिंगा, किरोन पोलार्ड, जसप्रीत बुमराह ये खिलाड़ी एमआई के लिए बहुत सालों से खेल रहे हैं। यानि इनकी  कोर टीम सेट रहती है और बाकी खिलाड़ी बदलते रहते हैं।
इनके विपरीत बाकी टीमें जैसे कि केएक्सआईपी, डीडी, आरआर, आरसीबी अपनी कोर टीम सेट ही नहीं करती हैं। इंटरव्यू थोड़ी चल रहा है कि एक अच्छा नहीं लगा तो नेक्स्ट। किंग्स इलेवन पंजाब को देखिए, लगता है ऑक्शन में सिर्फ खिलाड़ी खरीदने आती है और अगले साल उन खिलाड़ियों को छोड़कर नई टीम बना लेती है।बाकी टीमों को भी सीखना चाहिए सीएसके और एमआई से। अब देखने वाली बात यह है कि आने वाले आईपीएल में क्या होता है? कोई नई टीम आईपीएल जीतती है या फिर चेन्नई सुपर किंग्समुंबई इंडियंस में से कोई चैंपियन बनता है। 
🙏धन्यवाद🙏

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