महेंद्र सिंह धोनी का नाम सुनते ही मन खुशी से भर जाता है और चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। एक बेहतरीन बल्लेबाज, एक बेहतरीन कप्तान, एक बेहतरीन विकेटकीपर। महेंद्र सिंह धोनी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। अपने पूरे करियर में कई ऊंचाइयां हासिल की हैं धोनी ने और भारतीय टीम को भी कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। महेंद्र सिंह धोनी जितना समर्पित खिलाड़ी शायद ही भारत को कभी मिला होगा। पूरी दुनिया धोनी का लोहा मानती है और हर क्रिकेट एक्सपर्ट और क्रिकेट प्रेमी धोनी की तारीफ करता है। भले ही धोनी वर्ल्ड कप 2019 के बाद से कोई मैच ना खेले हो और भारतीय टीम से बाहर चल रहे हो, पर फिर भी हर कोई धोनी की वापसी की राह देख रहा है। चाहे धोनी रिटायर भी क्यों ना हो जाए पर फिर भी R1 क्रिकेट प्रेमी के दिल में उनका 2011 विश्व कप फाइनल उनका हेलीकॉप्टर शॉट हमेशा के लिए बना रहेगा। यूं तो इन्होंने अपने करियर में कई स्तर पर चाहे वह घरेलू क्रिकेट हो या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, आईपीएल हो यह वर्ल्ड कप, धोनी ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। पर आज हम बात करेंगे उनकी उन 5 अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड की जिन्हें तोड़ना लगभग असंभव है।
तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं धोनी।
यह वह रिकॉर्ड है जिसे हर कोई जानता होगा। धोनी ही आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले यानी ओडीआई वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और t20 वर्ल्ड कप जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं थोनी। भारत में इनकी कप्तानी में 2007T20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। तभी तो धोनी की कप्तानी का हर कोई दीवाना है। चाहे कैसी परिस्थिति हो, टीम कितना भी बेकार क्यों ना खेल रही हो, मैच की स्थिति चाहे जैसी भी हो, धोनी अपने शांत दिमाग से टीम को मुश्किल से हर बार बाहर निकाल लेते थे। इन्होंने भारत का बहुत सम्मान बढ़ाया है इसके अलावा कोई और दूसरा कप्तान ऐसा नहीं कर पाया है और शायद ही कभी कर पाएगा।
यह वह रिकॉर्ड है जिसे हर कोई जानता होगा। धोनी ही आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले यानी ओडीआई वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और t20 वर्ल्ड कप जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं थोनी। भारत में इनकी कप्तानी में 2007T20 वर्ल्ड कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। तभी तो धोनी की कप्तानी का हर कोई दीवाना है। चाहे कैसी परिस्थिति हो, टीम कितना भी बेकार क्यों ना खेल रही हो, मैच की स्थिति चाहे जैसी भी हो, धोनी अपने शांत दिमाग से टीम को मुश्किल से हर बार बाहर निकाल लेते थे। इन्होंने भारत का बहुत सम्मान बढ़ाया है इसके अलावा कोई और दूसरा कप्तान ऐसा नहीं कर पाया है और शायद ही कभी कर पाएगा।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग।
महेंद्र सिंह धोनी की विकेटकीपिंग काबिलियत से तो हर कोई वाकिफ है। धोनी की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में की जाती हैं। बिना देखे रन आउट करना हो या डाइव लगाकर कैच पकड़ना हो धोनी हर चीज में निपुण हैं। बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर धोनी द्वारा किए गए रन आउट को भला कौन भूल सकता है। धोनी के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग रिकॉर्ड है। इन्होंने ओडीआई, टेस्ट t20 में मिलाकर 195 स्टंपिंग की है। बल्लेबाज का पैर जरा सा भी बाहर होता नहीं कि धोनी अपनी तेजतर्रार स्टंपिंग से गिल्लीयां बिखेर देते।
महेंद्र सिंह धोनी की विकेटकीपिंग काबिलियत से तो हर कोई वाकिफ है। धोनी की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में की जाती हैं। बिना देखे रन आउट करना हो या डाइव लगाकर कैच पकड़ना हो धोनी हर चीज में निपुण हैं। बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर धोनी द्वारा किए गए रन आउट को भला कौन भूल सकता है। धोनी के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग रिकॉर्ड है। इन्होंने ओडीआई, टेस्ट t20 में मिलाकर 195 स्टंपिंग की है। बल्लेबाज का पैर जरा सा भी बाहर होता नहीं कि धोनी अपनी तेजतर्रार स्टंपिंग से गिल्लीयां बिखेर देते।
धोनी के नाम विकेटकीपर के तौर पर सबसे सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। इन्होंने 2005 वनडे मैच में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 183 रन की धुआंधार पारी खेली थी जिसमें इन्होंने 15 चौके और 10 छक्के लगाए। मैच के अंत तक भी बात कोई गेंदबाज इन्हें आउट नहीं कर पाया था। अभी हाल ही में गौतम गंभीर ने कहा था कि अगर धोनी लगातार नंबर 3 पर खेलते रहते तो कई रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। उस मैच को हुए 15 साल हो चुके हैं पर फिर भी कोई और विकेटकीपर बल्लेबाज इस आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया है।
विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज़्यादा बार गेंदबाजी
कैप्टन कूल की कप्तानी, विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की बात तो हो गई। पर क्या आप जानते हैं कि धोनी के के नाम गेंदबाजी में भी रिकॉर्ड दर्ज है। क्यों? चौक गए ना आप। धोनी ने विकेट कीपर होने के बावजूद सबसे ज्यादा 9 बार अंतर्राष्ट्रीय मैचों में गेंदबाजी की है। धोनी ने अपने करियर में 132 गेंद फेंकी और एक विकेट भी लिया है। एक बार टेस्ट मैच में केविन पीटरसन और वनडे मैच में एंजेलो मैथ्यूज को धोनी ने एलबीडब्ल्यू कर दिया था पर यह दोनों ही बल्लेबाज डीआरएस लेकर बच गए थे। इससे पता चलता है कि धोनी में गेंदबाजी की भी काबिलियत थी।
कैप्टन कूल की कप्तानी, विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की बात तो हो गई। पर क्या आप जानते हैं कि धोनी के के नाम गेंदबाजी में भी रिकॉर्ड दर्ज है। क्यों? चौक गए ना आप। धोनी ने विकेट कीपर होने के बावजूद सबसे ज्यादा 9 बार अंतर्राष्ट्रीय मैचों में गेंदबाजी की है। धोनी ने अपने करियर में 132 गेंद फेंकी और एक विकेट भी लिया है। एक बार टेस्ट मैच में केविन पीटरसन और वनडे मैच में एंजेलो मैथ्यूज को धोनी ने एलबीडब्ल्यू कर दिया था पर यह दोनों ही बल्लेबाज डीआरएस लेकर बच गए थे। इससे पता चलता है कि धोनी में गेंदबाजी की भी काबिलियत थी।
वनडे में सबसे ज्यादा बार नॉट आउट।
धोनी को दुनिया का सबसे अच्छा फिनिशियन माना जाता है। टीम को अंत तक ले जाकर जीत दिला देते हैं ये। धोनी धीमी शुरुआत करते परिस्थितियों के अनुसार गियर बदलने में माहिर हैं। अपनी इसी बैटिंग के कारण एक अनोखा रिकॉर्ड बनायाा है। वनडे क्रिकेट में 84 बार नॉटआउट रहे हैं धोनी। इसका मतलब यह है कि गेंदबाज पूरी मेहनत करके भी धोनी को आउट नहीं कर पाता।
धोनी को दुनिया का सबसे अच्छा फिनिशियन माना जाता है। टीम को अंत तक ले जाकर जीत दिला देते हैं ये। धोनी धीमी शुरुआत करते परिस्थितियों के अनुसार गियर बदलने में माहिर हैं। अपनी इसी बैटिंग के कारण एक अनोखा रिकॉर्ड बनायाा है। वनडे क्रिकेट में 84 बार नॉटआउट रहे हैं धोनी। इसका मतलब यह है कि गेंदबाज पूरी मेहनत करके भी धोनी को आउट नहीं कर पाता।
उम्मीद है कि भारत के महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के बारे में पढ़कर आपको मजा आया होगा। कप्तानी हो या क्रिकेटकीपिंग। बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी। धोनी ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी हुई है। इनका जन्मदिन भी आने वाला है। हमारी तरफ से इनको बहुत-बहुत बधाई। हम तो बस धोनी का भारतीय टीम में इंतजार कर रहे हैं और चाहते हैं कि जल्द से जल्द हमारा मनोरंजन करने के लिए फिर से धोनी भारतीय टीम के लिए खेलें।
ऐसे ही मजेदार क्रिकेट लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहिए।
🙏 धन्यवाद🙏
Image source-Twitter
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