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Saturday, 13 June 2020

कौन से हैं वे पांच क्रिकेट के नियम जो कोरोना महामारी के बाद बदल जाएंगे ?





कोरोनावायरस महामारी से आज पूरा देश लड़ रहा है। पर याद रहे हमें बीमारी से लड़ना है बीमार से नहीं। उनसे भेदभाव ना करें, उनका सम्मान करें। यह लाइन आपने भी जरूर सुनी होगी। जी, हां। अब तो जिसे भी फोन लगाओ यही आवाज सुनाई देती है। पर समस्या है भी तो गंभीर। कोरोनावायरस ने पूरे देश की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की गतिविधियां बदल दी हैं। इसका असर दुनिया की हर क्षेत्र पर हुआ है, फिर वह चाहे कुछ भी रहा हो। कोरोनावायरस ने अपना असर क्रिकेट पर भी डाला है जिससे क्रिकेट का खेल भी प्रभावित हुआ है। इसी की वजह से सब को उम्मीद थी कि जब क्रिकेट शुरू होगा तो इसमें जरूर कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे और हुआ भी ऐसा ही। कुछ नियम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने क्रिकेट के कुछ नियमों में बदलाव कर दिए हैं। आइए जानते हैं उन्हीं कुछ नियम के बदलावों में।

 

 






कोरोना सब्सीट्यूट को मिली मंजूरी।

पहला बड़ा बदलाव जो आईसीसी ने किया है वह यह है कि कोरोना सब्सीट्यूट खिलाड़ी को मंजूरी मिल गई है। मतलब अगर किसी टेस्ट मैच में खेलने वाले 11 खिलाड़ियों में से किसी भी खिलाड़ी को मैदान के बीच में खेल के दौरान कोरोनावायरस के लक्ष्ण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत मैदान से बाहर कर दिया जाएगा और उस खिलाड़ी की जगह दूसरा खिलाड़ी उसकी जगह पर आ जाएगा।सब्सीट्यूट खिलाड़ी उस खिलाड़ी की जगह बल्लेबाजी या गेंदबाजी भी कर सकता है। यह नियम टेस्ट मैचों में लागू होगा और टी20 और वनडे में टीम खिलाड़ी के को सब्सीट्यूट नहीं कर सकेगी।






गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक।

आप सभी जानते हैं कि गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए लार यानी अपनी थूक का प्रयोग करते थे जिससे गेंद की चमक बरकरार रहे और उन्हें स्विंग कराने में आसानी हो। पर अब गेंदबाज ऐसा नहीं कर सकेंगे। क्योंकि आईसीसी ने गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। कई पूर्व गेंदबाजों का मानना है कि इससे क्रिकेट का खेल बल्लेबाजों के लिए मददगार होगा और गेंदबाजों को इससे समस्या होगी। कई पूर्व खिलाड़ियों ने लार के इस्तेमाल पर रोक को गलत बताया है पर आईसीसी ने दूसरे सुझाव भी दिए हैं जैसे गेंदबाज गेंद को चमकाने के लिए वैक्स यानी मोम या पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा लार के उपयोग के लिए 5 रन का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अगर खिलाड़ी गेंद पर लार लगाता है तो उसे दो बार चेतावनी दी जाएगी पर तीसरी बार ऐसा करने पर बल्लेबाजी टीम को 5 रन दे दिए जाएंगे।



स्थानीय अंपायरों को मंजूरी।

 भारत के पूर्व दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने हाल ही में आईसीसी के मुख्य कार्यकारी समिति से सिफारिश की थी अब से क्रिकेट मैचों में स्थानीय अंपायर अंपायरिंग किया करें। आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति ने इस फैसले पर अपनी मंजूरी दे दी है और अब से मैचों में स्थानीय अंपायर यानि उसी देश के अंपायर अंपायरिंग किया करेंगे। पहले तक आईसीसी द्वारा चुने गए अंपायर पूरी दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर अंपायरिंग करते थे पर अब ऐसा नहीं होगा। आईसीसी ने ऐसा करोना महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्रा  में होने वाली चुनौतियों की वजह से किया है। ऐसा कई साल बाद होगा कि टेस्ट क्रिकेट में घरेलू अंपायर होंगे। इसका मतलब भारत के तीन अंपायर सी शमशुद्दीन, अनिल चौधरी और नितिन मैनन अगले साल इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज में अंपायरिंग करेंगे।

Decision review system

एक एकत्रित डीआरएस का 32 इंच का लोगो भी।

अगर किसी टीम को अंपायर कर दिया फैसला सही नहीं लगता है तो उसे दोबारा देखे जाने के लिए टीम डीआरएस का प्रयोग करती है। अब से टीमों को एक डीआरएस अतिरिक्त मिलेगा क्योंकि अब से टेस्ट सीरीज में स्थानीय अंपायर होंगे। यह भी आईसीसी का एक बड़ा फैसला है। इसका अलावा अब टीम अपनी जर्सी पर 32 इंच का एक और लोगों को लगा सकेंगे जिससे कोरोनावायरस की वजह से  क्रिकेट बोर्ड्स को  जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जा सके।
यह थे कुछ नियम जो कोरोनावायरस महामारी की बाद  क्रिकेट में देखने को मिलेंगे।

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