यूं तो क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल माना जाता है। लोगों को भी बल्लेबाजों को गेंदबाजों की गेंदों पर छक्के चौके देखने में बहुत मजा आता है। पर अब क्रिकेट के खेल में बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच बराबर की लड़ाई देखने को मिलती है। पर क्या आपको पता है कि कुछ गेंदबाज थे जिन्होंने गेंदबाजी तो छोड़िए बल्लेबाजी में भी करिश्मा करके दिखाया। अब आप कहेंगे कि ऐसे कौन से गेंदवास है जो बल्लेबाजी भी कर सकते थे ?
आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन पांच गेंदबाजों के बारे में जिन्होंने भले ही 1 दिन ही सही पर अपनी बल्लेबाजी के प्रदर्शन से हर किसी को चौंका दिया।
अजीत आगरकर
इस लिस्ट में पहला नाम आता है भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 300 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज अजीत अगरकर का। अजीत के नाम भारत की तरफ से सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। अजीत ने मात्र 23 वनडे में 50 विकेट ले लिए थे। पर क्या आपको पता है कि 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के के लिए लॉर्ड्स टेस्ट में ऐतिहासिक शतक लगाया था। अगर आपको यह कम लग रहा हो तो आपसे एक सवाल है। क्या आपको पता है कि भारत की तरफ से सबसे तेज वनडे में अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड किसके नाम दर्ज है? शायद आपके मन में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली या वीरेंद्र सहवाग का नाम आया होगा। पर आपकी जानकारी के लिए हम आपको बताते हैं कि यह रिकॉर्ड अजीत अगरकर के नाम है। साल 2000 में जिंबाब्वे के खिलाफ टेस्ट मैच में अजीत अगरकर ने मात्र 25 गेंदों में 67 रन की पारी खेली थी। इस पारी में इन्होंने मात्र 21 गेंदों में शतक लगा दिया था। इनकी बल्लेबाजी पर कभी भी शक नहीं किया जा सकता।
जेसन गिलेस्पी
अगर आप एक क्रिकेट प्रेमी हैं या क्रिकेट के जानकार हैं तो आप टेस्ट मैच में नाइटवॉचमैन के बारे में जरूर जानते होंगे ।टेस्ट मैच में दिन खत्म होने से कुछ देर पहले यदि कोई बल्लेबाज आउट हो जाता है तो कप्तान किसी गेंदबाज को भेजता है बल्लेबाजी के लिए ताकि वह बचे हुए ओवर निकाल सके। दूसरा नाम इस लिस्ट में आता है ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी का जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 400 ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं। 2006 में ऑस्ट्रेलिया बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच में इन्हें भी कप्तान नाइट वॉचमैन के तौर पर भेजा था। पर अगले दिन इन्होंने ऐसी पारी खेली है जिसकी अपेक्षा सिर्फ किसी बल्लेबाजी से ही की जा सकती है। जेसन ने 425 गेंदों का सामना करते हुए 201 रन की पारी खेली और मैथ्यू हेडन के साथ 320 रन की साझेदारी की। किसी ने नहीं सोचा था कि कोई ऐसा कर सकता है। यह नाइट वॉचमैन द्वारा खेली गई अब तक की सबसे बड़ी पारी है।
तीसरा नंबर आता है पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम का। आप सभी इनकी गेंदबाजी से तो जरूर वाकिफ होंगे। वकार यूनुस और वसीम अकरम की खतरनाक जोड़ी अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा देती थी। वसीम अकरम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 900 से ज्यादा विकेट लिए हैं। पर वसीम अकरम ने बल्लेबाजी में भी अपना नाम दर्ज कराया है। जब उन्होंने 1996 में पाकिस्तान के खिलाफ 257 रन की पारी खेली जिसमें 12 छक्के लगाए जो आज भी विश्व रिकॉर्ड है। वसीम अकरम ने आठ नंबर बल्लेबाजी करते हुए 257 रन बनाकर टीम का स्कोर 500 के पार पहुंचाया। आठ नंबर के बल्लेबाज द्वारा बनाया गया यह सबसे बड़ा स्कोर है।
एस्टन एगर
अगला नाम आता है ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ी एस्टन एगार का। यूं तो इन्होंने ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में अपनी जगह एक स्पिनर के रूप में बनाई थी। पर इन्होंने अपनी बल्लेबाजी काबिलियत पहले ही मैच में दिखा दी। 2013 के पहले टेस्ट में जब ऑस्ट्रेलिया मुश्किल स्थिति में था तब 11 नंबर बल्लेबाजी करने आए एगर ने सबको हैरान कर दिया। लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया 150 तक ही पहुंच पाएगा। एस्टर ने 98 रन की पारी खेली और आखिरी विकेट के लिए फिलिप ह्यूग्स के साथ मिलकर 163 रन की साझेदारी की और टीम का स्कोर 280 तक पहुंचा दिया। नंबर 11 के खिलाड़ी द्वारा खेली गई अब तक की सबसे बड़ी पारी है जो एस्टन एगर ने अपने पदार्पण मैच में खेल ली थी।
दिमित्री मास्करेन्हास
इस लिस्ट में आखरी नाम आता है इंग्लैंड के स्पिनर
दिमित्री मस्कारेन्हास का। आप में बहुत कम लोगों ने उनका नाम सुना होगा। श्रीलंका में जन्मे और इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने वाले दिमित्री ने गेंदबाज होते हुए भी बल्लेबाजी में अनोखा कारनामा करके दिखाया। भले ही ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय में अपनी जगह ना बना पाए हो पर फिर भी टीम ने इनकी एक प्रदर्शन कारण हमेशा याद रखेगी। यह बात है 2007 इंग्लैंड और इंडिया के बीच खेले जा रहे वनडे की। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जैसे तैसे आखरी ओवर तक पहुंची। राहुल द्रविड़ ने आखरी ओवर युवराज सिंह को डालने के लिए कहा और सामने थे दिमित्री। पहली गेंद पर दिमित्री का कैच पीयूष चावला ने छोड़ दिया। इसके बाद बाकी बची 5 खेलों में दिमित्री ने एक के बाद एक शानदार शॉट खेले और पांचों सीमा रेखा के बाहर। 5 छक्कों के साथ उस ओवर में 30 रन। उस ओवर में 30 रन लुटा दिए थे युवराज सिंह ने जिससे इंग्लैंड का स्कोर 300 के पार पहुंच गया। किसी को भी उनके ऐसे प्रदर्शन की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी।
दिमित्री मस्कारेन्हास का। आप में बहुत कम लोगों ने उनका नाम सुना होगा। श्रीलंका में जन्मे और इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने वाले दिमित्री ने गेंदबाज होते हुए भी बल्लेबाजी में अनोखा कारनामा करके दिखाया। भले ही ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय में अपनी जगह ना बना पाए हो पर फिर भी टीम ने इनकी एक प्रदर्शन कारण हमेशा याद रखेगी। यह बात है 2007 इंग्लैंड और इंडिया के बीच खेले जा रहे वनडे की। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जैसे तैसे आखरी ओवर तक पहुंची। राहुल द्रविड़ ने आखरी ओवर युवराज सिंह को डालने के लिए कहा और सामने थे दिमित्री। पहली गेंद पर दिमित्री का कैच पीयूष चावला ने छोड़ दिया। इसके बाद बाकी बची 5 खेलों में दिमित्री ने एक के बाद एक शानदार शॉट खेले और पांचों सीमा रेखा के बाहर। 5 छक्कों के साथ उस ओवर में 30 रन। उस ओवर में 30 रन लुटा दिए थे युवराज सिंह ने जिससे इंग्लैंड का स्कोर 300 के पार पहुंच गया। किसी को भी उनके ऐसे प्रदर्शन की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी।
तो ये थे पांच गेंदबाज जिनके पास बल्लेबाजी की भी ऐसी क्षमता थी जिसकी वजह से इन्होंने अपनी टीम को मुश्किल समय से बाहर निकाला और अपने गेंदबाजी के साथ साथ बल्लेबाजी काबिलियत से भी लोगों को प्रभावित किया।
🙏धन्यवाद🙏
Image source-Twitter
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