Search This Blog

Saturday, 29 August 2020

कौन से हैं वे पांच बल्लेबाज जो गेंदबाज़ी में भी थे कमाल ?

Cricket field

 पिछले लेख में हमने आपको बताए थे वे पांच गेंदबाज जिन्होंने अपने बल्लेबाजी सब को बहुत प्रभावित किया था और बल्लेबाजी में भी अपनी छाप छोड़ी थी। अगर आपने वह लेख नहीं पढ़ा तो आप यहां से पढ़ सकते हैं -कौन से हैं वे पांच गेंदबाज जिन्होंने बल्लेबाजी में भी करिश्मा करके दिखाया ? खैर आज हम इसी को आगे बढ़ाते हुए आपको आज हम बताएंगे उन पांच बेहतरीन बल्लेबाजों के बारे में जिन्होंने बल्लेबाजी में अपना जौहर तो दिखाया ही था और साथ ही साथ गेंदबाजी में भी हाथ आजमा कर वहां पर भी बड़ा कमाल का प्रदर्शन किया था। वैसे तो एक बल्लेबाज का काम टीम को रन बना कर देना होता है। पर यदि किसी खराब दिन कोई गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन न कर रहा हो तो कप्तान ब्रेक थ्रू दिलवाने के लिए एक बल्लेबाज को गेंद सौंपता है। विपक्षी टीम को थोड़ा भ्रमित करने के लिए बल्लेबाज गेंदबाजी करने के लिए आता है और कुछ बल्लेबाज ऐसे होते हैं जो गेंदबाजी में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे जाते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं उन पांच बल्लेबाजों के बारे में-

Tilakratne Dilshan

1.तिलकरत्ने दिलशान 


सबसे पहले बात करते हैं श्रीलंका के बेहतरीन दिल और शान से खेलने वाले बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान की। दिलशान अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। श्रीलंका और आरसीबी के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेली थी तिलकरत्ने दिलशान ने। ओडीआई में 10,000 ज्यादा रन दर्ज हैं इनके नाम। इन्होंने कई बार अपनी ऑफ स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान किया है। वनडे में 106 विकेट लिए हैं तिलकरत्ने दिलशान ने और 2011 विश्व कप फाइनल में विराट कोहली का विकेट कौन भूल सकता है।


2.विवियन रिचर्ड्स 


अब बात करते हैं वेस्टइंडीज टीम के महान बल्लेबाज सर विवियन रिचर्ड्स की। इनकी बल्लेबाजी से तो हर कोई वाकिफ है। तेज गेंदबाजों के सामने बिना हेलमेट के बेखौफ बल्लेबाजी के कारण पूरी दुनिया में मशहूर थे विवियन रिचर्ड्स। वेस्टइंडीज की खतरनाक टीम के महत्वपूर्ण हिस्सा थे। टेस्ट में 50 की औसत से ज्यादा 8000 से ज्यादा रन। पर आज हम बल्लेबाजी की नहीं गेंदबाजी की बात करते हैं। सर विवियन रिचर्ड्स ने 131 वनडे पारियों में गेंदबाजी की और 4.5 की इकाॅनमी से 118 विकेट लिए। खिलाड़ी इनकी बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी से भी घबराने लगे थे। दो बार पारी में पांच विकेट लिए हैं विवेक ने हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।

Sachin tendulkar

3.सचिन तेंदुलकर


तीसरा नाम इस लिस्ट में आता है क्रिकेट के सर्वकालिक और सचिन तेंदुलकर का। इनके नाम बल्लेबाजी रिकॉर्ड की तो झड़ी है। भारतीय फैंस जरुर जानते होंगे कि गेंदबाजी में भी कहीं से कम नहीं थे। इनके बारे में जितनी बात की जाए उतनी कम है। यह है ही इसने ऊपर के दर्जे के खिलाड़ी। जब भी कप्तान को कोई पार्टनरशिप तोड़नी होती थी और अपने अच्छे गेंदबाजों के ओवर बचाने होते थे तो वह सचिन की तरफ जाते थे। वनडे में 8000 ज्यादा और टेस्ट में 4000 ज्यादा गेंदें डाली है सचिन ने। वनडे में 154 विकेट दर्ज हैं इनके नाम।

Chris gayle

4.क्रिस गेल


अब बात करते हैं वेस्टइंडीज के ही एक और बल्लेबाज क्रिस गेल की। आप कहेंगे क्या इनको तो हमने कभी गेंदबाज़ी करते ही नहीं देखा। पर नहीं क्रिस गेल अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के साथ ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करना जानते थे। वनडे में इनके नाम भी 10,000 से ज्यादा रन है। हर स्तर पर मिला लिया जाए तो इन्होंने हजार से भी ज्यादा छक्के लगाए हैं। अब ऐसा बल्लेबाज गेंद फेंक लेता था। जी हां! जितनी देर में एक तेज गेंदबाज एक गेंद डालता था उतनी देर में क्रिस गेल अपना पूरा ओवर खत्म कर देते थे। टेस्ट में इनकी इकॉनमी 2.63 की है और इन्होंने टेस्ट में 7000 से ज्यादा यानी 1000 से भी ज्यादा ओवर डाले हैं।

Sanath jaisurya

              5.सनत जयसूर्या


पांचवां और आखिरी नाम इस लिस्ट में आता है सनत जयसूर्या का। हम इनकी गेंदबाज़ी के बारे में पहले भी बात कर चुके हैं। यह बेहतरीन बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छे गेंदबाज भी थे। अंतराष्ट्रीय  क्रिकेट में 100 से ज्यादा अर्धशतक और 40 ज्यादा शतक लगभग 20000 ज्यादा रन। सनत जयसूर्या के नंबर इनकी काबिलियत हो बखूबी दर्शाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि वनडे में 14000 से ज्यादा ओवर डालकर 323 विकेट लिए हैं। अगर आपको यह कम लग रहा हो तो आपकी जानकारी के लिए इतने विकेट बेहतरीन गेंदबाजों जैसे शेन वार्न, जहीर खान, मिचेल जॉनसन, हरभजन सिंह शोएब अख्तर ने भी नहीं लिए जितने एक बल्लेबाज ने चटका दिए।
        
                            🙏 धन्यवाद 🙏

Image source-Twitter 

Sunday, 23 August 2020

Which are the five records of Mahendra Singh Dhoni that are almost impossible to break?



On hearing Mahendra Singh Dhoni's name, the mind fills with joy and a smile comes on our faces. A great batsman, a great captain, a great wicketkeeper. Mahendra Singh Dhoni is much praised. Dhoni has achieved many heights throughout his career and has made many important contributions to the Indian team. India could hardly have found a dedicated player like Mahendra Singh Dhoni. Even though Dhoni has not played any matche since World Cup 2019 and is running out of the Indian team, everyone is still looking forward to Dhoni's return. Even if Dhoni retires, his 2011 World Cup final helicopter shot will remain in the heart of an every cricket lover.
In this way, in his career at many levels whether it is domestic cricket or international cricket, IPL, this World Cup, Dhoni has made many records. But today we will talk about those 5 international records which are almost impossible to break.


Dhoni is the only captain to win all three ICC Trophies.

 This is the record that everyone would know. Dhoni is the only captain to win all three ICC trophies i.e. ODI World Cup, Champions Trophy and t20 World Cup. He captained India to win the 2007T20 World Cup, 2011 ODI World Cup and 2013 Champions Trophy. That is why everyone is crazy about Dhoni's captaincy. No matter what the situation, no matter how bad the team is playing, whatever the condition of the match, Dhoni used to pull the team out every time with his calm mind. He has earned great respect for India, apart from this, no other captain has done this and rarely will.


Highest number of stumpings in international cricket.

 Everyone is aware of the wicketkeeping ability of Mahendra Singh Dhoni. Dhoni is counted among the best wicketkeepers in the world. Wheather it would be run out without seeing or catching a catch by diving. Who can forget Dhoni's run out on the last ball against Bangladesh. Dhoni has the highest stumping record in international cricket. He has done 195 stumpings including ODIs, Tests in T20.


Highest individual score as a wicketkeeper. 

Dhoni also holds the record for the highest individual score as a wicketkeeper. He scored an 183-run knock while batting at number three against Sri Lanka in the 2005 ODI match in which he hit 15 fours and 10 sixes. Even by the end of the match, no bowler could get him out. Recently, Gautam Gambhir had said that if Dhoni continued to play at number 3, he could have broken many records. It has been 15 years since that match but still no other wicketkeeper batsman has reached this figure.

Ms dhoni bowling

Bowling most often as a wicketkeeper.

Captain Cool's captaincy, wicketkeeping and batting were talked about. But do you know that Dhoni's name also holds a record in bowling. What? Have you gone to the square? Despite being the wicket-keeper, Dhoni has bowled the most number of international matches 9 times. Dhoni has bowled 132 balls and taken one wicket in his career. Once, Kevin Pietersen in Test matches and Angelo Mathews in ODIs were lbw by Dhoni, but both these batsmen survived with DRS. This shows that Dhoni also had the ability to bowl.

 
Most number of not out in ODIs. 

Dhoni is considered as the best Finisher in the world. He lead the team to the end. Dhoni specializes in changing gears after slow start. It is because of this batting that a unique record has been created. Dhoni has been not out 84 times in ODI cricket. This means that the bowler could not get Dhoni out even after working hard.


Hope you have enjoyed reading about India's great player Mahendra Singh Dhoni. Be it captaincy or cricketkeeping. Batting or bowling. Dhoni has left his mark everywhere. His birthday is also coming. Many congratulations to him from our side. We are just waiting for Dhoni in the Indian team and want Dhoni to play for the Indian team again to entertain us as soon as possible. Stay connected to  read such fun cricket articles.
🙏Thank you🙏

Image source-Twitter 

You will like these too....




Sunday, 16 August 2020

कौन से हैं महेंद्र सिंह धोनी के पांच रिकॉर्ड जिन्हें तोड़ना लगभग असंभव है ?


Indian cricket team

महेंद्र सिंह धोनी का नाम सुनते ही मन खुशी से भर जाता है और चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। एक बेहतरीन बल्लेबाज, एक बेहतरीन कप्तान, एक बेहतरीन विकेटकीपर। महेंद्र सिंह धोनी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। अपने पूरे करियर में कई ऊंचाइयां हासिल की हैं धोनी ने और भारतीय टीम को भी कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। महेंद्र सिंह धोनी जितना समर्पित खिलाड़ी शायद ही भारत को कभी मिला होगा। पूरी दुनिया धोनी का लोहा मानती है और हर क्रिकेट एक्सपर्ट और क्रिकेट प्रेमी धोनी की तारीफ करता है। भले ही धोनी वर्ल्ड कप 2019 के बाद से कोई मैच ना खेले हो और भारतीय टीम से बाहर चल रहे हो, पर फिर भी हर कोई धोनी की वापसी की राह देख रहा है। चाहे धोनी रिटायर भी क्यों ना हो जाए पर फिर भी R1 क्रिकेट प्रेमी के दिल में उनका 2011 विश्व कप फाइनल उनका हेलीकॉप्टर शॉट हमेशा के लिए बना रहेगा। यूं तो इन्होंने अपने करियर में कई स्तर पर चाहे वह घरेलू क्रिकेट हो या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, आईपीएल हो यह वर्ल्ड कप, धोनी ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। पर आज हम बात करेंगे उनकी उन 5 अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड की जिन्हें तोड़ना लगभग असंभव है।

Dhoni with 2011 world Cup

तीनों आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं  धोनी।

 यह वह रिकॉर्ड है जिसे हर कोई जानता होगा। धोनी ही आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले यानी ओडीआई वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और t20 वर्ल्ड कप जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं थोनी। भारत में इनकी कप्तानी में 2007T20 वर्ल्ड कप,  2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। तभी तो धोनी की कप्तानी का हर कोई दीवाना है। चाहे कैसी परिस्थिति हो, टीम कितना भी बेकार क्यों ना खेल रही हो, मैच की स्थिति चाहे जैसी भी हो, धोनी अपने शांत दिमाग से टीम को मुश्किल से हर बार बाहर निकाल लेते थे। इन्होंने भारत का बहुत सम्मान बढ़ाया है इसके अलावा कोई और दूसरा कप्तान ऐसा नहीं कर पाया है और शायद ही कभी कर पाएगा।

Dhoni wicketkeeper

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग।

 महेंद्र सिंह धोनी की विकेटकीपिंग काबिलियत से तो हर कोई वाकिफ है। धोनी की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में की जाती हैं। बिना देखे रन आउट करना हो या डाइव लगाकर कैच पकड़ना हो धोनी हर चीज में निपुण हैं। बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी गेंद पर धोनी द्वारा किए गए रन आउट को भला कौन भूल सकता है। धोनी के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग रिकॉर्ड है। इन्होंने ओडीआई, टेस्ट t20 में मिलाकर 195 स्टंपिंग की है। बल्लेबाज का पैर जरा सा भी बाहर होता नहीं कि धोनी अपनी तेजतर्रार स्टंपिंग से  गिल्लीयां बिखेर देते।

Dhoni six in final

विकेटकीपर के तौर पर सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर।

 धोनी के नाम विकेटकीपर  के तौर पर सबसे सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। इन्होंने 2005 वनडे मैच में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 183 रन की धुआंधार पारी खेली थी जिसमें इन्होंने 15 चौके और 10 छक्के लगाए।  मैच के अंत  तक भी बात  कोई गेंदबाज इन्हें आउट  नहीं कर पाया था। अभी हाल ही में गौतम गंभीर ने कहा था कि अगर धोनी लगातार नंबर 3 पर खेलते रहते तो कई रिकॉर्ड तोड़ सकते थे। उस मैच को हुए 15 साल हो चुके हैं पर फिर भी कोई और विकेटकीपर बल्लेबाज इस आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया है।

Dhoni bowling

विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज़्यादा बार गेंदबाजी

कैप्टन कूल की कप्तानी, विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की बात तो हो गई। पर क्या आप जानते हैं कि धोनी के  के नाम गेंदबाजी  में भी रिकॉर्ड दर्ज है। क्यों? चौक गए ना आप। धोनी ने विकेट कीपर होने के बावजूद सबसे ज्यादा 9 बार अंतर्राष्ट्रीय मैचों में गेंदबाजी की है। धोनी ने अपने करियर में 132 गेंद फेंकी और एक विकेट भी लिया है। एक बार टेस्ट मैच में केविन पीटरसन और वनडे मैच में एंजेलो मैथ्यूज को धोनी ने एलबीडब्ल्यू कर दिया था पर यह दोनों ही बल्लेबाज डीआरएस लेकर बच गए थे। इससे पता चलता है कि धोनी में  गेंदबाजी की भी काबिलियत थी।

Dhoni swag in csk

वनडे में सबसे ज्यादा बार नॉट आउट।

 धोनी को दुनिया का सबसे अच्छा फिनिशियन माना जाता है। टीम को अंत तक ले जाकर जीत दिला देते हैं ये।  धोनी धीमी शुरुआत करते परिस्थितियों के अनुसार गियर बदलने में माहिर हैं। अपनी इसी बैटिंग के कारण एक अनोखा रिकॉर्ड बनायाा है। वनडे क्रिकेट में 84 बार नॉटआउट रहे हैं धोनी। इसका मतलब यह है कि गेंदबाज पूरी मेहनत करके भी धोनी को आउट नहीं कर पाता।

Dhoni with 2013 champions trophy

 उम्मीद है कि भारत के महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के बारे में पढ़कर आपको मजा आया होगा। कप्तानी हो या क्रिकेटकीपिंग। बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी। धोनी ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी हुई है। इनका जन्मदिन भी आने वाला है। हमारी तरफ से इनको बहुत-बहुत बधाई। हम तो बस धोनी का भारतीय टीम में इंतजार कर रहे हैं और चाहते हैं कि जल्द से जल्द हमारा मनोरंजन करने के लिए फिर से धोनी भारतीय टीम के लिए खेलें।
 ऐसे ही मजेदार क्रिकेट लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहिए।
🙏 धन्यवाद🙏

Image source-Twitter 

आपको यह जरूर पसंद आएंगे---






Thursday, 13 August 2020

Who are the five bowlers who showed miracles in batting as well?

 


As such, cricket is considered a batsman's game. People also enjoy watching batsmen with sixes on bowlers' balls. But now in the game of cricket there is an equal fight between the batsman and the bowler. But do you know that there were some bowlers who showed off their charisma even in batting? Now you will say which are the bowlers who could also bat? Today we are going to tell you about those five bowlers who surprised everyone with their batting performance just for one day. 


Ajit Agarkar 


The first name in this list comes from India bowler Ajit Agarkar, who took more than 300 wickets in international cricket. Ajit also holds the record for the fastest 50 wickets from India. Ajit took 50 wickets in just 23 ODIs. But do you know that he scored a historic century in the Lord's Test for India against England in 2002. If you feel this less then I have a question. Do you know who has the record of scoring fastest half-century in the ODI from India? Perhaps you have the name of Sachin Tendulkar, Virat Kohli or Virender Sehwag. But for your information, we tell you that this record is in the name of Ajit Agarkar. In 2000, Ajit Agarkar scored 67 runs in just 25 balls in a Test match against Zimbabwe. In that innings, he had scored a halfcentury in just 21 balls. His batting can never be doubted.


Jason Gillespie 


If you are a cricket lover or a cricket fan, then you must know about the nightwatchman in a test match. If a batsman is out shortly before the end of the day in the test match, the captain sends a bowler to bat. So that he can take out the remaining overs. Another name in this list comes of Australian fast bowler Jason Gillespie, who has taken 400 more international wickets for Australia. He was also sent by captain as night Watchman in the 2006 Test match between Bangladesh and Australia. But the next day he has played such an innings, which can only be expected from any batsman. Jason scored 201 runs in 425 balls and formed a 320-run partnership with Matthew Hayden. Nobody thought anyone could do it. This is the biggest innings ever played by night Watchman.


Wasim akram


 The third number comes from Pakistan fast bowler Wasim Akram. You all will definitely be aware of his bowling. The dangerous pair of Waqar Younis and Wasim Akram is famous across the world. Wasim Akram has taken more than 900 wickets in international cricket. But Wasim Akram has also registered his name in batting. When he scored 257 runs for Pakistan in 1996, which included 12 sixes, which is still a world record. Wasim Akram, batting number eight, scored 257 to take the team score to 500. This is the highest score made by the number eight batsman.
 

Aston agar 


The next name comes from the young Australian player Aston Agar. As such, he made his place in Australia's Test team as a spinner. But he showed his batting ability in the first match.
When Australia was in a difficult situation in the first Test of 2013, Agar, who came to bat number 11, surprised everyone. It seemed that Australia would only reach 150. Astor smashed a 98-run stand to form a 163-run partnership with Philippe Hughes for the final wicket, bringing the team's score to 280. This is the biggest innings ever played by a No. 11 player that Aston Ager played in his debut match.



Dmitri Mascarenhas

 England spinner is the last name in this list is Dimitri Mascarenhas. Very few of you have heard his name. Born in Sri Lanka and playing cricket for England, Dimitri, despite being a bowler, showed a unique feat in batting. Even though he has not been able to make his place in the international for a long time, the team will always remember one of his performance reasons. This is the matter of 2007 ODIs being played between England and India. England batted first as it reached the last over. Rahul Dravid asked Yuvraj Singh to bowl the last over and Dimitri was in front. Dimitri's catch on the first ball was dropped by Piyush Chawla. In the remaining 5 games after that, Dimitri played brilliant shot on every single delivery and all five were outside the boundary line. 30 runs in that over with 5 sixes. Yuvraj Singh had looted 30 runs in that over, which made England's score reach 300. No one had expected such a performance at all. 

So these were the five bowlers who had the ability to bat as well, due to which they took their team out of difficult times and impressed people with their bowling as well as batting ability.

🙏Thank you🙏

Image source-Twitter 

Monday, 10 August 2020

कौन से हैं वे पांच गेंदबाज जिन्होंने बल्लेबाजी में भी करिश्मा करके दिखाया ?

 

Indian teamयूं तो क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल माना जाता है। लोगों को भी बल्लेबाजों को गेंदबाजों की गेंदों पर छक्के चौके देखने में बहुत मजा आता है। पर अब क्रिकेट के खेल में बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच बराबर की लड़ाई देखने को मिलती है। पर क्या आपको पता है कि कुछ गेंदबाज थे जिन्होंने गेंदबाजी तो छोड़िए बल्लेबाजी में भी करिश्मा करके दिखाया। अब आप कहेंगे कि ऐसे कौन से गेंदवास है जो बल्लेबाजी भी कर सकते थे ?
 आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन पांच गेंदबाजों के बारे में जिन्होंने भले ही 1 दिन ही सही पर अपनी बल्लेबाजी के प्रदर्शन से हर किसी को चौंका दिया।


            अजीत आगरकर 

इस लिस्ट में पहला नाम आता है भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 300 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज अजीत अगरकर का। अजीत के नाम भारत की तरफ से सबसे तेज 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। अजीत ने मात्र 23 वनडे में 50 विकेट ले लिए थे। पर क्या आपको पता है कि 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के के लिए लॉर्ड्स टेस्ट में ऐतिहासिक शतक लगाया था। अगर आपको यह कम लग रहा हो तो आपसे एक सवाल है। क्या आपको पता है कि भारत की तरफ से सबसे तेज वनडे में अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड किसके नाम दर्ज है? शायद आपके मन में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली या वीरेंद्र सहवाग का नाम आया होगा। पर आपकी जानकारी के लिए हम आपको बताते हैं कि यह रिकॉर्ड अजीत अगरकर के नाम है। साल 2000 में जिंबाब्वे के खिलाफ टेस्ट मैच में अजीत अगरकर ने मात्र 25 गेंदों में 67 रन की पारी खेली थी। इस पारी में इन्होंने मात्र 21 गेंदों में शतक लगा दिया था। इनकी बल्लेबाजी पर कभी भी शक नहीं किया जा सकता।

Jason Gillespie

                जेसन गिलेस्पी 

अगर आप एक क्रिकेट प्रेमी हैं या क्रिकेट के जानकार हैं तो आप टेस्ट मैच में नाइटवॉचमैन के बारे में जरूर जानते होंगे ।टेस्ट मैच में दिन खत्म होने से कुछ देर पहले यदि कोई बल्लेबाज आउट हो जाता है तो कप्तान किसी गेंदबाज को भेजता है बल्लेबाजी के लिए ताकि वह बचे हुए ओवर निकाल सके। दूसरा नाम इस लिस्ट में आता है ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी का जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 400 ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं। 2006 में ऑस्ट्रेलिया बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच में इन्हें भी कप्तान नाइट वॉचमैन के तौर पर भेजा था। पर अगले दिन इन्होंने  ऐसी पारी खेली है जिसकी अपेक्षा सिर्फ किसी बल्लेबाजी से ही की जा सकती है। जेसन ने 425 गेंदों का सामना करते हुए 201 रन की पारी खेली और मैथ्यू हेडन के साथ 320 रन की साझेदारी की। किसी ने नहीं सोचा था कि कोई ऐसा कर सकता है। यह नाइट वॉचमैन द्वारा खेली गई अब तक की सबसे बड़ी पारी है।

Wasim akram

      वसीम अकरम

तीसरा नंबर आता है पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वसीम अकरम का। आप सभी इनकी गेंदबाजी से तो जरूर वाकिफ होंगे। वकार यूनुस और वसीम अकरम की खतरनाक जोड़ी अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों के पसीने छुड़ा देती थी। वसीम अकरम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 900 से ज्यादा विकेट लिए हैं। पर वसीम अकरम ने बल्लेबाजी में भी अपना नाम दर्ज कराया है। जब उन्होंने 1996 में पाकिस्तान के खिलाफ 257 रन की पारी खेली जिसमें 12 छक्के लगाए जो आज भी विश्व रिकॉर्ड है। वसीम अकरम ने आठ नंबर बल्लेबाजी करते हुए 257 रन बनाकर टीम का स्कोर 500 के पार पहुंचाया। आठ नंबर के बल्लेबाज द्वारा बनाया गया यह सबसे बड़ा स्कोर है। 
Aston agar

                 एस्टन एगर

अगला नाम आता है ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ी एस्टन एगार का। यूं तो इन्होंने ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम में अपनी जगह एक स्पिनर के रूप में बनाई थी। पर इन्होंने अपनी बल्लेबाजी काबिलियत पहले ही मैच में दिखा दी। 2013 के पहले टेस्ट में जब ऑस्ट्रेलिया मुश्किल स्थिति में था तब 11 नंबर बल्लेबाजी करने आए एगर ने सबको हैरान कर दिया। लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया 150 तक ही पहुंच पाएगा। एस्टर ने 98 रन की पारी खेली और आखिरी विकेट के लिए फिलिप ह्यूग्स के साथ मिलकर 163 रन की साझेदारी की और टीम का स्कोर 280 तक पहुंचा दिया। नंबर 11 के खिलाड़ी द्वारा खेली गई अब तक की सबसे बड़ी पारी है जो एस्टन एगर ने अपने पदार्पण मैच में खेल ली थी।

Yuvraj Singh

                दिमित्री मास्करेन्हास

इस लिस्ट में आखरी नाम आता है इंग्लैंड के स्पिनर 
 दिमित्री मस्कारेन्हास का। आप में बहुत कम लोगों ने उनका नाम सुना होगा। श्रीलंका में जन्मे और इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने वाले दिमित्री ने गेंदबाज होते हुए भी बल्लेबाजी में अनोखा कारनामा करके दिखाया। भले ही ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय में अपनी जगह ना बना पाए हो पर फिर भी टीम ने इनकी एक प्रदर्शन कारण हमेशा याद रखेगी। यह बात है 2007 इंग्लैंड और इंडिया के बीच खेले जा रहे वनडे की। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जैसे तैसे आखरी ओवर तक पहुंची। राहुल द्रविड़ ने आखरी ओवर युवराज सिंह को डालने के लिए कहा और सामने थे दिमित्री। पहली गेंद पर दिमित्री का कैच पीयूष चावला ने छोड़ दिया। इसके बाद बाकी बची 5 खेलों में दिमित्री ने एक के बाद एक शानदार शॉट खेले और पांचों सीमा रेखा के बाहर। 5 छक्कों के साथ उस ओवर में 30 रन। उस ओवर में 30 रन लुटा दिए थे युवराज सिंह ने जिससे इंग्लैंड का स्कोर 300 के पार पहुंच गया। किसी को भी उनके ऐसे प्रदर्शन की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी।

तो ये थे पांच गेंदबाज जिनके पास बल्लेबाजी की भी ऐसी क्षमता थी जिसकी वजह से इन्होंने अपनी टीम को मुश्किल समय से बाहर निकाला और अपने गेंदबाजी के साथ साथ बल्लेबाजी काबिलियत से भी लोगों को प्रभावित किया। 

 
                            🙏धन्यवाद🙏

Image source-Twitter 

You will like these too.....





Wednesday, 5 August 2020

Who are the five Indian players who can only perform well in Tests?


Indian team

As you all know that the game of cricket mainly consists of three formats. Tests, ODIs and T20s. A good player is one who performs well in all three formats and adapts himself according to the circumstances. But unlike them there are some players who perform very well in one format but do not repeat it in other formats.

Today we will talk about those five Indian players who could only do well in Test cricket, could not continue their best performance in other formats. Such players are made only for Test matches.

Vvs laxman

1.VVS Laxman

 The first name in this list comes from Very-Very Special batsman VVS Laxman of Hyderabad. He is one of the most famous players of India. We all enjoy listening to his commentary in the commentary box. He is counted among the best batsmen in the world. VVS Laxman has won India many times coming to bat at number 6 in Test matches. With his excellent batting, VVS used to relieve the bowlers' sweat. VVC is the only player in the world who have played more than 100 Test matches but could not play a single ODI World Cup match. While playing 134 Test matches, scored 8781 runs at an average of 46, VVS Laxman could score only 2338 runs in 88 ODIs at an average of 30.

Cheteshwar pujara

2. Cheteshwar Pujara 

The other name that comes of A complete test match batsman. Yes, we are talking about Cheteshwar Pujara, the new wall of India's Test. Cheteshwar is a great Test batsman in every sense. Hardly any other batsman bats with such restraint and patience. Pujara has scored more than 5500 runs in 77 Tests at an average of 48.7. But in the same ODI, his condition is worse than VVS Laxman. Pujara has scored 51 runs in 5 ODIs at an average of just 10. Leave aside the T20. In the IPL, no team includes them in their team. 


3.Ravichandran Ashwin 

The third name comes in this list of India's finest off-spinner Ravichandran Ashwin. It is not that his performance in ODIs is poor. But he is also made for Test matches only. Ravichandran Ashwin has troubled good batsmen with his spin bowling on Indian pitches. He has taken 365 wickets in 71 Tests at an average of just 2.84. He has also taken 5 wickets in an innings 27 times and 10 wickets in an innings 7 times. Talking about batting, Ashwin has scored more than 2000 runs in Tests and has scored four centuries. In contrast, he took 150 wickets and scored 673 runs in ODIs. In which it could only score a half-century. Although Ravichandran Ashwin was also a member of the 2011 World Cup winning team but he has been running out of the ODI team since the 2017 Champions Trophy. And after the increasing popularity of wrist spinners, it is very difficult to return to the ODI team. Experts believe that he only needs to focus on the test.


4.Murali Vijay 

The fourth name comes of India's trusted Test opener Murali Vijay. He was also able to show his ability only in the test format. Murali Vijay, who performed well on difficult pitches of India and abroad due to his excellent technique, was the best batsman in India's Test for many years. In 61 Tests, Murali Vijay scored 3981 runs which included 15 fifties and 12 centuries. In contrast, if we look at the limited format, Murali Vijay has scored 339 and 169 runs in ODIs at an average of 21 and T20 only 18.



5. Ishant Sharma 


The fifth and last name comes of Ishant Sharma. Ishant Sharma is considered one of India's best fast bowlers in Tests due to his stature and ability to swing the ball. He has taken 297 rickets in 97 Test matches. Even if he is unable to make it to the eleven in ODIs, Ishant is still an important part of the Indian pace attack.
Ishant has also done well on the bouncy pitches of Australia and England. His agility and ability to sled batsmen make him different from the rest of the bowlers. In the coming years, Ishant Sharma will continue to be an important Test player of India, who with his ability will also make his significant contribution in winning 
Test matches in India and abroad. 

These were the 5 Test players who could not repeat their performance in the rest of the format. 

🙏Thank you🙏

Image source-Twitter 

Who are those 5 Indian cricketers who can do anything for the team ?
https://vanshthawani7.blogspot.com/2020/05/Cricketers-who-can-do-anything.html


Who are the 5 most explosive batsmen of the world ?
https://vanshthawani7.blogspot.com/2020/05/Explosive-batsmen.html 

What are the records of Virat Kohli that are very difficult to break?
https://vanshthawani7.blogspot.com/2020/04/Virat-kohli-records.html




Sunday, 2 August 2020

कौन से हैं वे पांच भारतीय खिलाड़ी जो सिर्फ टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन कर सकें ?



जैसा कि आप सभी जानते हैं कि क्रिकेट के खेल में मुख्य रूप से तीन फॉर्मेट होते हैं। टेस्ट, वनडे और टी20। एक अच्छा खिलाड़ी वह होता है जो तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करें और परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढाल ले। पर उनके विपरीत कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो एक फॉर्मेट में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं पर दूसरे फॉर्मैट्स में उसे दोहरा नहीं पाते।
 आज हम बात करेंगे उन पांच भारतीय खिलाड़ियों की जो सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर सके अपना बेहतरीन प्रदर्शन दूसरे फॉर्मेट में जारी नहीं रख पाए। ऐसे खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट मैचेस के लिए ही बने हैं।


1.वीवीएस लक्ष्मण

इस लिस्ट में पहला नाम आता है हैदराबाद के वेरी-वेरी स्पेशल बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का।
 यह भारत के सबसे मशहूर खिलाड़ियों में से एक हैं। हम सभी को कमेंट्री बॉक्स में इनकी कमेंट्री सुनने में बहुत मजा आता है। इनकी गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। टेस्ट मैचों में नंबर 6 पर बल्लेबाजी के लिए आते हुए कई बार भारत को मैच जिताए हैं वीवीएस लक्ष्मण ने। अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से वीवीएस गेंदबाजों के पसीने छुड़ा देते थे। वीवीसी दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले पर एक भी वनडे वर्ल्ड कप का मैच नहीं खेल सके। 134 टेस्ट मैच खेलते हुए 46 की औसत से 8781 रन बनाए तो वही 88 वनडे में मात्र 30 की औसत से 2338 रन ही बना सके वीवीएस लक्ष्मण।

Cheteshwar Pujara

2.चेतेश्वर पुजारा 

दूसरा नाम जो इस लिस्ट में आता है उन्हें तो आप सभी जानते ही होंगे। एक संपूर्ण टेस्ट में विशेषक बल्लेबाज। जी हां हम बात कर रहे हैं भारत के टेस्ट की नई दीवार चेतेश्वर पुजारा की। चेतेश्वर हर मायने में एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज हैं। इतने ज्यादा संयम और धैर्य से शायद ही कोई और बल्लेबाज बल्लेबाजी करता हो। 77 टेस्ट मैचों में 48.7 की औसत से 5500 ज्यादा रन बनाए हैं पुजारा ने। पर वही ओडीआई में इनका हाल तो वीवीएस लक्ष्मण से भी बुरा है। 5 वनडे में मात्र 10 की औसत से 51 रन बना पाए हैं पुजारा। टी20 की तो बात ही छोड़िए। आईपीएल में तो इनको कोई टीम अपनी टीम में शामिल नहीं करती। और करें भी क्यों? जितनी गेंद में पुजारा का खाता खुलता है उतनी देर में तो आधी पारी समाप्त हो जाती है T20 में।

Ravichandran ashwin

3.रविचंद्रन अश्विन

तीसरा नाम इस लिस्ट में आता है भारत के बेहतरीन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का। ऐसा नहीं है कि इनका वनडे में प्रदर्शन खराब है। पर यह भी सिर्फ टेस्ट मैचों के लिए ही बने हैं। भारतीय पिचों पर अपनी स्पिन गेंदबाजी से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को खूब परेशान किया है रविचंद्रन अश्विन ने। 71 टेस्ट मैचों में मात्र 2.84 की औसत से 365 विकेट लिए हैं। इन्होंने इसके साथ ही  27 बार एक पारी में 5 विकेट और 7 बार एक पारी में 10 विकेट ले चुके हैं। अगर बल्लेबाजी की बात की जाए तो वहां पर भी अश्विन ने टेस्ट में 2000 से ज्यादा रन बनाएं और चार शतक भी लगाए हैं। इसके विपरीत वनडे में  150 विकेट और मात्र 673 रन बनाए। जिसमें यह सिर्फ एक अर्धशतक ही लगा सके। यूं तो रविचंद्रन अश्विन 2011 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी थे पर 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से ही यह वनडे टीम से बाहर चल रहे हैं। और कलाई के स्पिनरों की बढ़ती लोकप्रियता के बाद इनका वनडे टीम में वापसी करना बहुत ही मुश्किल है। एक्सपर्ट का मानना है कि इन्हें सिर्फ टेस्ट में ही ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है ।

Murli vijay

4.मुरली विजय

चौथा नाम आता है भारत के भरोसेमंद टेस्ट ओपनर मुरली विजय का। यह भी सिर्फ टेस्ट फॉर्मेट में ही अपनी काबिलियत दिखा पाए। अपनी बेहतरीन तकनीक के कारण देश-विदेश की मुश्किल पिचों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुरली विजय कई सालों तक भारत के टेस्ट में सबसे ज्यादा अच्छा खेलने वाले बल्लेबाज थे। 61 टेस्ट मैचों में मुरली विजय ने 3981 रन बनाएं जिसमें 15 अर्धशतक और 12 शतक शामिल हैं। इसके विपरीत अगर लिमिटेड फॉर्मेट के देखे तो मुरली विजय ने वनडे में मात्र वनडे में 21 और T20 मात्र 18 की औसत से खेल कर 339 और 169 रन बनाए हैं।


5.इशांत शर्मा

पांचवां और आखिरी नाम जो खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट मैच के लिए ही बना है वह है  इशांत शर्मा। अपने कद और गेंद स्विंग कराने की क्षमता के कारण टेस्ट में भारत के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं यह इशांत शर्मा।  97 टेस्ट मैचों में 297 रिकेट लिए हैं। भले ही वनडे में ग्यारह में जगह न बना पा रहे हो इशांत पर फिर भी भारतीय पेस अटैक के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की उछाल भरी पिचों पर भी ईशांत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इनका अग्रेशन और बल्लेबाजों को स्लेज करने की क्षमता इनको बाकी गेंदबाजों से अलग बनाती है। आने वाले सालों में इशांत शर्मा भारत के महत्वपूर्ण टेस्ट खिलाड़ी बने रहेंगे जो अपनी काबिलियत से भारत को देश विदेश में टेस्ट मैच जिताने में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी देंगे।

 यह थे टेस्ट के 5 खिलाड़ी जो अपना प्रदर्शन बाकी फॉर्मेट में नहीं दोहरा पाए।
🙏धन्यवाद🙏

Image source-Twitter 

आपको यह भी जरूर पसंद आएंगे....