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Sunday 2 August 2020

कौन से हैं वे पांच भारतीय खिलाड़ी जो सिर्फ टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन कर सकें ?



जैसा कि आप सभी जानते हैं कि क्रिकेट के खेल में मुख्य रूप से तीन फॉर्मेट होते हैं। टेस्ट, वनडे और टी20। एक अच्छा खिलाड़ी वह होता है जो तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करें और परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढाल ले। पर उनके विपरीत कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो एक फॉर्मेट में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं पर दूसरे फॉर्मैट्स में उसे दोहरा नहीं पाते।
 आज हम बात करेंगे उन पांच भारतीय खिलाड़ियों की जो सिर्फ टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर सके अपना बेहतरीन प्रदर्शन दूसरे फॉर्मेट में जारी नहीं रख पाए। ऐसे खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट मैचेस के लिए ही बने हैं।


1.वीवीएस लक्ष्मण

इस लिस्ट में पहला नाम आता है हैदराबाद के वेरी-वेरी स्पेशल बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का।
 यह भारत के सबसे मशहूर खिलाड़ियों में से एक हैं। हम सभी को कमेंट्री बॉक्स में इनकी कमेंट्री सुनने में बहुत मजा आता है। इनकी गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। टेस्ट मैचों में नंबर 6 पर बल्लेबाजी के लिए आते हुए कई बार भारत को मैच जिताए हैं वीवीएस लक्ष्मण ने। अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से वीवीएस गेंदबाजों के पसीने छुड़ा देते थे। वीवीसी दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले पर एक भी वनडे वर्ल्ड कप का मैच नहीं खेल सके। 134 टेस्ट मैच खेलते हुए 46 की औसत से 8781 रन बनाए तो वही 88 वनडे में मात्र 30 की औसत से 2338 रन ही बना सके वीवीएस लक्ष्मण।

Cheteshwar Pujara

2.चेतेश्वर पुजारा 

दूसरा नाम जो इस लिस्ट में आता है उन्हें तो आप सभी जानते ही होंगे। एक संपूर्ण टेस्ट में विशेषक बल्लेबाज। जी हां हम बात कर रहे हैं भारत के टेस्ट की नई दीवार चेतेश्वर पुजारा की। चेतेश्वर हर मायने में एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज हैं। इतने ज्यादा संयम और धैर्य से शायद ही कोई और बल्लेबाज बल्लेबाजी करता हो। 77 टेस्ट मैचों में 48.7 की औसत से 5500 ज्यादा रन बनाए हैं पुजारा ने। पर वही ओडीआई में इनका हाल तो वीवीएस लक्ष्मण से भी बुरा है। 5 वनडे में मात्र 10 की औसत से 51 रन बना पाए हैं पुजारा। टी20 की तो बात ही छोड़िए। आईपीएल में तो इनको कोई टीम अपनी टीम में शामिल नहीं करती। और करें भी क्यों? जितनी गेंद में पुजारा का खाता खुलता है उतनी देर में तो आधी पारी समाप्त हो जाती है T20 में।

Ravichandran ashwin

3.रविचंद्रन अश्विन

तीसरा नाम इस लिस्ट में आता है भारत के बेहतरीन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का। ऐसा नहीं है कि इनका वनडे में प्रदर्शन खराब है। पर यह भी सिर्फ टेस्ट मैचों के लिए ही बने हैं। भारतीय पिचों पर अपनी स्पिन गेंदबाजी से अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को खूब परेशान किया है रविचंद्रन अश्विन ने। 71 टेस्ट मैचों में मात्र 2.84 की औसत से 365 विकेट लिए हैं। इन्होंने इसके साथ ही  27 बार एक पारी में 5 विकेट और 7 बार एक पारी में 10 विकेट ले चुके हैं। अगर बल्लेबाजी की बात की जाए तो वहां पर भी अश्विन ने टेस्ट में 2000 से ज्यादा रन बनाएं और चार शतक भी लगाए हैं। इसके विपरीत वनडे में  150 विकेट और मात्र 673 रन बनाए। जिसमें यह सिर्फ एक अर्धशतक ही लगा सके। यूं तो रविचंद्रन अश्विन 2011 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी थे पर 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से ही यह वनडे टीम से बाहर चल रहे हैं। और कलाई के स्पिनरों की बढ़ती लोकप्रियता के बाद इनका वनडे टीम में वापसी करना बहुत ही मुश्किल है। एक्सपर्ट का मानना है कि इन्हें सिर्फ टेस्ट में ही ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है ।

Murli vijay

4.मुरली विजय

चौथा नाम आता है भारत के भरोसेमंद टेस्ट ओपनर मुरली विजय का। यह भी सिर्फ टेस्ट फॉर्मेट में ही अपनी काबिलियत दिखा पाए। अपनी बेहतरीन तकनीक के कारण देश-विदेश की मुश्किल पिचों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुरली विजय कई सालों तक भारत के टेस्ट में सबसे ज्यादा अच्छा खेलने वाले बल्लेबाज थे। 61 टेस्ट मैचों में मुरली विजय ने 3981 रन बनाएं जिसमें 15 अर्धशतक और 12 शतक शामिल हैं। इसके विपरीत अगर लिमिटेड फॉर्मेट के देखे तो मुरली विजय ने वनडे में मात्र वनडे में 21 और T20 मात्र 18 की औसत से खेल कर 339 और 169 रन बनाए हैं।


5.इशांत शर्मा

पांचवां और आखिरी नाम जो खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट मैच के लिए ही बना है वह है  इशांत शर्मा। अपने कद और गेंद स्विंग कराने की क्षमता के कारण टेस्ट में भारत के सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं यह इशांत शर्मा।  97 टेस्ट मैचों में 297 रिकेट लिए हैं। भले ही वनडे में ग्यारह में जगह न बना पा रहे हो इशांत पर फिर भी भारतीय पेस अटैक के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की उछाल भरी पिचों पर भी ईशांत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इनका अग्रेशन और बल्लेबाजों को स्लेज करने की क्षमता इनको बाकी गेंदबाजों से अलग बनाती है। आने वाले सालों में इशांत शर्मा भारत के महत्वपूर्ण टेस्ट खिलाड़ी बने रहेंगे जो अपनी काबिलियत से भारत को देश विदेश में टेस्ट मैच जिताने में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी देंगे।

 यह थे टेस्ट के 5 खिलाड़ी जो अपना प्रदर्शन बाकी फॉर्मेट में नहीं दोहरा पाए।
🙏धन्यवाद🙏

Image source-Twitter 

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