भारत की गलियों में हर बच्चा बड़े होकर क्रिकेटर बनने के सपने देखता है। हाथ में बल्ला लिए अपने दोस्तों को इकट्ठा करके लग जाता है गली में क्रिकेट खेलने और सपने देखता है बड़े होकर धोनी-कोहली जैसा बनने की। 135 करोड़ की आबादी वाले इस देश में क्रिकेटर बनना और भारत के लिए खेलना बहुत मुश्किल काम है। भारत में कई महान क्रिकेटर जैसे- सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली को जन्म दिया है कि भारत के लिए कई साल कई मैच खेल चुके हैं।
पर आज हम बात करेंगे उन पांच खिलाड़ियों की जिन्हें भारत की तरफ से खेलने का मौका तो मिला पर वह मात्र एक मैच खेल सके और उन्हें फिर दोबारा मौका ही नहीं मिला।
पहले नंबर पर नाम आता है राजस्थान में जन्मे और पुडुचेरी के लिए रणजी खेलने वाले पंकज सिंह का। रणजी ट्रॉफी में 400 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज है पंकज सिंह। पंकज घरेलू क्रिकेट में भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में गिने जाते हैं। पंकज सिंह 2017-18 रणजी सत्र में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।इन्होंने अपना इकलौता ओडीआई 2010 में श्रीलंका खिलाफ खेला था और वहां 7 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 45 रन दिए थे। पंकज सिंह को 2014 में चोटिल इशांत शर्मा की जगह भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिली पर वह इंग्लैंड के खिलाफ अपने पदार्पण मैच में कोई विकेट ना ले सके।
दूसरे नंबर का नाम आता है विदर्भ के लिए खेलने वाले बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज फैंज़ फज़ल का। आप में से बहुत कम ही लोगों ने इनका नाम सुना होगा। 125 फर्स्ट क्लास मैचों में 40 से ज्यादा की औसत से 8000 से ज्यादा रन। इनके नंबर्स ही इनकी काबिलियत बखूबी दर्शाते हैं। पर भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में नाकामयाब रहे हैं फैज़। इनको अपना एकलौता ओडीआई मैच खेलने का मौका 2016 में मिला। इन्हें जिंबाब्वे के खिलाफ भारतीय टीम में जगह मिली। पर यह जिंबाब्वे दौरे पर मात्र एक मैच खेल सके और वहां भी इन्होंने 55 रन की पारी खेली। पर इस मैच के बाद इन्हें कभी दोबारा भारतीय टीम में मौका नहीं मिला।
तीसरे नंबर पर नाम आता है कर्नाटका के बाएं हाथ के गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद का। संन्यास से पहले श्रीनाथ आरसीबी के लिए आईपीएल खेलते थे। 2011 आईपीएल में श्रीनाथ ने 14 मैचों में 21 विकेट लिए थे। इन्हें अपना एकलौता T20 मैच खेलने का मौका 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिला। इस बाएं हाथ के गेंदबाज ने 3.4 ओवर में 44 रन दे दिए। इस मैच के बाद दूसरे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट, खलील अहमद, बरिंदर सरां को मौका दिया जाने लगा। इसके कारण श्रीनाथ अरविंद बदकिस्मती से फिर कभी भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना सके। 2018 में इन्होंने खेल के हर फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। किसे पता था कि इनका पहला ही मैच इनका आखिरी मैच सिद्ध होगा।
चौथे नंबर का नाम आता है कश्मीर में जन्मे ऑफ स्पिनर परवेज़ रसूल का। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में इनके प्रदर्शन को देखकर लगता था कि यह भारत के बहुत अच्छे ऑफ स्पिनर साबित होंगे। पर उम्मीद के मुताबिक ऐसा कुछ नहीं हुआ। 82 फर्स्ट मैच में 4500 से ज्यादा रन और 250 से ज्यादा विकेट लिए हैं परवेज ने। इनके प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुन लिया गया। अपना एकलौता ओडीआई परवेज रसूल ने 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला। उस मैच में रसूल ने 10 ओवर में 60 रन देकर 2 विकेट लिए। पर इस मैच के बाद रसूल फिर कभी भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके।
पांचवां और आखरी नाम इस लिस्ट में आता है राजस्थान के ही तेज गेंदबाज और भारत के नए स्विंग मास्टर दीपक चहर के छोटे भाई राहुल चहर का। राहुल 2017 आईपीएल में धोनीके साथ पुणे सुपरजाइंट्स के लिए खेले थे। 2018 आईपीएल से राहुल, रोहित शर्मा कप्तानी में मुंबई इंडियंस के लिए खेल रहे हैं। 2018 -19 के सत्र में विजय हजारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इन्हें भारतीय टीम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलने का मौका मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने इकलौते टी-20 मैच में राहुल ने 27 रन देकर एक विकेट लिया। राहुल मात्र 20 साल के हैं और इन्हें भारतीय टीम में जगह जरूर मिलेगी।
🙏धन्यवाद।🙏
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पर आज हम बात करेंगे उन पांच खिलाड़ियों की जिन्हें भारत की तरफ से खेलने का मौका तो मिला पर वह मात्र एक मैच खेल सके और उन्हें फिर दोबारा मौका ही नहीं मिला।
1. पंकज सिंह
पहले नंबर पर नाम आता है राजस्थान में जन्मे और पुडुचेरी के लिए रणजी खेलने वाले पंकज सिंह का। रणजी ट्रॉफी में 400 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज है पंकज सिंह। पंकज घरेलू क्रिकेट में भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में गिने जाते हैं। पंकज सिंह 2017-18 रणजी सत्र में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।इन्होंने अपना इकलौता ओडीआई 2010 में श्रीलंका खिलाफ खेला था और वहां 7 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 45 रन दिए थे। पंकज सिंह को 2014 में चोटिल इशांत शर्मा की जगह भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिली पर वह इंग्लैंड के खिलाफ अपने पदार्पण मैच में कोई विकेट ना ले सके।
2.फैंज़ फज़ल
दूसरे नंबर का नाम आता है विदर्भ के लिए खेलने वाले बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज फैंज़ फज़ल का। आप में से बहुत कम ही लोगों ने इनका नाम सुना होगा। 125 फर्स्ट क्लास मैचों में 40 से ज्यादा की औसत से 8000 से ज्यादा रन। इनके नंबर्स ही इनकी काबिलियत बखूबी दर्शाते हैं। पर भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में नाकामयाब रहे हैं फैज़। इनको अपना एकलौता ओडीआई मैच खेलने का मौका 2016 में मिला। इन्हें जिंबाब्वे के खिलाफ भारतीय टीम में जगह मिली। पर यह जिंबाब्वे दौरे पर मात्र एक मैच खेल सके और वहां भी इन्होंने 55 रन की पारी खेली। पर इस मैच के बाद इन्हें कभी दोबारा भारतीय टीम में मौका नहीं मिला।
3. श्रीनाथ अरविंद
तीसरे नंबर पर नाम आता है कर्नाटका के बाएं हाथ के गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद का। संन्यास से पहले श्रीनाथ आरसीबी के लिए आईपीएल खेलते थे। 2011 आईपीएल में श्रीनाथ ने 14 मैचों में 21 विकेट लिए थे। इन्हें अपना एकलौता T20 मैच खेलने का मौका 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिला। इस बाएं हाथ के गेंदबाज ने 3.4 ओवर में 44 रन दे दिए। इस मैच के बाद दूसरे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट, खलील अहमद, बरिंदर सरां को मौका दिया जाने लगा। इसके कारण श्रीनाथ अरविंद बदकिस्मती से फिर कभी भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना सके। 2018 में इन्होंने खेल के हर फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। किसे पता था कि इनका पहला ही मैच इनका आखिरी मैच सिद्ध होगा।
4. परवेज़ रसूल
चौथे नंबर का नाम आता है कश्मीर में जन्मे ऑफ स्पिनर परवेज़ रसूल का। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में इनके प्रदर्शन को देखकर लगता था कि यह भारत के बहुत अच्छे ऑफ स्पिनर साबित होंगे। पर उम्मीद के मुताबिक ऐसा कुछ नहीं हुआ। 82 फर्स्ट मैच में 4500 से ज्यादा रन और 250 से ज्यादा विकेट लिए हैं परवेज ने। इनके प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुन लिया गया। अपना एकलौता ओडीआई परवेज रसूल ने 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला। उस मैच में रसूल ने 10 ओवर में 60 रन देकर 2 विकेट लिए। पर इस मैच के बाद रसूल फिर कभी भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके।
5. राहुल चहर
पांचवां और आखरी नाम इस लिस्ट में आता है राजस्थान के ही तेज गेंदबाज और भारत के नए स्विंग मास्टर दीपक चहर के छोटे भाई राहुल चहर का। राहुल 2017 आईपीएल में धोनीके साथ पुणे सुपरजाइंट्स के लिए खेले थे। 2018 आईपीएल से राहुल, रोहित शर्मा कप्तानी में मुंबई इंडियंस के लिए खेल रहे हैं। 2018 -19 के सत्र में विजय हजारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इन्हें भारतीय टीम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलने का मौका मिला। वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने इकलौते टी-20 मैच में राहुल ने 27 रन देकर एक विकेट लिया। राहुल मात्र 20 साल के हैं और इन्हें भारतीय टीम में जगह जरूर मिलेगी।
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Faiz Fazal was very talented
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